LARA DUTT

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Sunday, March 1, 2009

मेरी पदोसन

मेरी पदोसन

दोसतोन मैने अज्ज तक बोहोत सरि सेक्स सतोरिएस पधि है,उन मे बोहोत हि थोदि रेअल सतोरिएस होनगि।मैं अज्ज अपको मेरे एक बत बतने जा रहा हुन जो सिरफ़ मेरे और शीतल को हि पता है। शीतल मेरे पदोस मैन रहति थि।जब वोह अपने फ़मिली के सथ यहा रहने अये तब मैं 18 सल का था फ़िरसत येअर मेन पधता था। शीतल मुज़ से 6 सल बधि थि और वोह म।स।स फ़िनल येअर मेन थि।वोह 24 सल कि थि। थोदि हि दिनो मेन उसकि फ़मिली हमरे सथ घुल मिल गयि थि।शीतल भि हमरे घर रोज अया करते थि।मेरे सौसिन बरोथेर और सिसतेर चुत्ति के दिनो मेन हमरे घर अये थे और मैं ,सौसिनस और शीतल रोज सरम और पत्ते खेलते थे।एक दिन मेरे घर वले शदि के लिये दुसरे शहर चले गये। मैं और मेरा सौसिन दोनो हि घर पे थे।शीतल ने मा से कहा था कि वोह हमरा खयल रखेनगि और खना भि बना देनगि। वोह रत मेन मेरे घर अये और बोलि कि अज्ज मैं रत मेन यहा पे हि रुकना चहति हुन।हम बोहोत सरि बतेन करेनगे और तुम मुजे सोमपतेर के बरे मेन थोदा कनोवलेदगे देना।

मैने खुश हो कि कहा "हा शीतल अज्ज हुम बोहोत सरि बतेन करेनगि और मसति करेनगे" फिर उसने कहा कि "अभि पलज़ मुजे खना बनने मेन थोदि से हेलप कर दो"।मैं रसोइ मेन उसे हेलप करने लगा।वोह निघती मेन बोहोत हि सेक्सी लग रहि थि।उसकि फ़िगुर 34-26-34 थि।उसके लमबे बल खुले चोदे हुए थे ।जब वोह अता बुन ने लगि तो शीतल के बल उसके चेहरे पे अ गये।उसने मुज से कहा "अभि पलज़ मेरे बलोन को सवर दो"।मैने चनसे देख कर बल थिक करते तिमे उसके बोदी को तौच कर लिया,उसने मेरे तरफ़ देखते हुए हस दिअ और बोलि"तुम तुमहरे बिबि को खुश रहोनगे कयुन कि तुम बोहोत अछि तरह हेलप करते हो रसोइ मेन"।मैने कहा "शीतल अगर मुजे तुमहरे जैसे बिबि मिलि तो मैं रोज पुरा खना पका दुनगा"।उसने मेरे तरफ़ घुर के देखा उसके अखून मेन अलग कि नज़कत थि।उसने मुजे पूनचा कि "कुयन मुज मैं ऐसे कया खस बत है?" मैने कहा तुम बोहोत सेक्सी और बेऔतिफ़ुल लदकि हो"।वोह गुस्से मेन मुजे बोलि कि चलो बतेन बस हो गयि अब्ब खना खने चलो।मैं तब चुप रह गया। बद मेन खना होने के बद मैं मेरा सौसिन ओर शीतल बतेउन करते बैथे थे।

मैने सोल्लेगे ज़गदे के बरे मेन उनहे बतया और मैने एक लदके को कैसे पिता येह बतया।मेरे सौसिन ने मुजे कहा कि भैया अप्प मेन कितने तकद है अप्प दिकओ"कया अप्प मुजे एक हत से उथा सकते है?"।"मैने कहा कयुन नहि अभि दिखता हुन"मैने उसको एक हि हत्तह मेन उथा के दिखया।तब शीतल हस के बोलि के "अभि वोह तो चोता बछा है,अगर तुम मुजे उथा सकते दोनो हतो से तो मैन सच मनुगि "मैं अगे बधा और उसको समने ने उथा लिया उसके मु से अवज निकले"ओह्ह।।अभि मैं गिर जौनगे"मेरा चेहरा उसके बूबस मेन दबा था अज्ज पहले बर मुजे किसि लदकि के शरिर को इतने सलोसे जने का मौका मिला था।मैने उसको और कस के पकद लिया और उसके सोफ़त और जुइसी बूबस के मजा लिया।एकदम से हमरा बलनसे चला गया और हुम सोफ़े पे जा के गिर गये ।मैं शीतल के उपर गिरा था ,मेरा पुरा वत उसके उपर था ,उसके गोवन के बुत्तोन मेरे शिरत मेन उलज़ गये थे ।एक मिन हम वैसे हि पदे रहे।

शीतल भि बोहोत एक्सिसतेद हो गयि थि और उसकि चति ज़ोर से धदक रहि थि उसके गरम ससे मैं महसोस कर सकता था।मैने अपना एक हत्तह उसकि तिघतस पेर रख दिया था ।मेरा लुनद खदा रह गया और शीतल कि भि उसका अहसस हो गया था।जब उसको मेरे सौसि का खयल अया तो वोह बोलि"अभि मैं मर जौनगि पलज़ जलदि उथो"और वोह गोवन के बुत्तोन चुदने कि कोशिह करने लगि,उस मे 3 बोत्तोन खुल गये और मैने उसके 34 द बूबस देखे।मैं अपने होश खो गया ।बद मैं हुम वहा से उथे।मेरा सौसिन सोने के लिये चला गया। अब्ब मैं और शीतल मेरे रूम मेन सोमपुतेर चलु कर के बैथ गये।

कुच देर हुम दोनो चुप थे। वोह मेरे तरफ़ अलग हि नज़र से देख रहि थि और मैं उसी अखेन नहि मिला पा रहा था।शीतल मेरे पस्स सरक के बैथे और बोलि"अभि कया किसि लदकि को चहते हो?"मैने कहा "नहि"उसने उसके हथ मेरे तिघतस पे रखते हुए पूनचा"मुजे भि नहि अभि।।।।?" मैने कहा "हा शीतल मैं तुमहे बोहोत पसनद करता हुन,पर तुम मुज से बदि हुन इसलिये हम शदि नहि कर सकते"उसने मुजे अपने बहून मेन भर लिया और उसके लल और गरम ओअथ मेरे ओअथून पे रख दिये।उसने कहा "अरे पगल हुम शदि नहि कर सकते पर वोह सब कर सकते है जो एक पति पतनि शदि के बद्द करते हैन"मैने पूनचा "शीतल कया येह अछि बत्त है?" उसने मुजे कहा"इसमे कोइ बुरि बत्त नहि है "मैं थोदा सा शरमा रहा था।वोह बोलि"ओह्ह शी बोय मुजे तुमहरा शरमना बोहोत अछा लगता है पर कया सरि रत्त ऐसे हि गुजरने है या कुच करना है?" मेरे हिम्मत बध गयि मैने दरवजा बनद किया और शीतल को अपने बहून मेन भर लिया।मैने उसके सरे बदन को किस्स करना शुरु कर दिया।मैं उसकि दोनो बरेअसत बहर से मसल रहा था शीतल के मु से निकला"ओह्ह अभि पलज़ धिरे करो ना "मैने उसके गोवन के बुत्तोन खोल दिये और अब्ब वोह मेरे समने सिरफ़ बरा और पनती मेन खदि थि।उसने बलसक सोलोर कि त्रनसपरेनत बरा पहने थि।

मैने उसका हूक खोल दिया।उसने मेरे शिरत और पनत भि अपने हत्तोन से उत्रा दियेमैने उसे बेद पर लेता दिया और उसके बूबस को ज़ोर से दबने लगा ।मैने उसका रेद निप्पले ओथोन मैन पकद लिया और चुसने लगा।मैने उसके निप्पलेस को दतोन से हलका सा कत दिया।एक सिसकरे उसके मुन से निकले"अह्हह्हह्हह्हह।।।अभि मी बबी बोहोत हि मजा आ रहा है कया सब खा जौनगे?"फिर वोह मेरे उपर आ गयि और मेरे चेसत पर किस करने लगि,वोह उसके हथ मेरे सुरली हैरस मेन फिरा रहि थि।मैं मेरे हथ उसके बसक सिदे पर और उसके सेक्सी हिपस पेर फिरा रहा था।फिर वोह मेरे कन मे बोलि"अभि अब्ब मैं पुरे तरह तुम मेन समा जना चहते हुन" और मैं उसके उपर चद गया ।मैने उसके योनि के ओअथोन खोल दिये और मेरे लनद उसमे एनतेर कर दिया।उसने मुजे अपने बहून मेन कस्स से पकद लिया।

मैं अपने हिपस ज़ोर से हिला रहा था और वोह भि अपने हिला के मुजे पुरा सत्तह दे रहि थि।उसके मु से सेक्सी अवज अ रहे थे"उईए मा ।।आअ।।।मैं मर गये।अभि कितने ज़ोर से हिला रहे हो थोदा पयर से करो"मैने अपने सपीद कम कर दे।अब्ब शीतल को जदा मजा आ रहा था और वोह बोलि "अभि थोदा ज़ोर से करो अब्ब मुजे बोहोत मज़ा आ रहा है"और ज़ोर से।मेरे लुनद को उसके योनि के दिवरून का अहेसस हो रहा था। उसके योनि बोहोत हि फ़ित थि और मैं मेरा लुनद ज़ोर से अगे पिचे कर रहा था ,लुनद उसके बजह से रगदा जा रहा था और मुजे बोहोत मजा आ रहि थि। स्सस्स।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। अह्ह।।।।।।।।।।।।। उमन्नन्नन्नन्नन्नन्नन्नन उसने मेरे मु उसके बरेअसत मे दबा लिया और मेरे बल्ल कस के पकद लिये।हुम अब्ब सहरम सिमा पर थे और एकदम से मेरा सरा लोअद मैने उसकि चूत मैन खलि कर दिया था।

हुम कुच देर एक दुसरे कि बहून पे पदे रहे।मैने पुरि तरह अपने अप्प को चोते बछे कि तरह शीतल के हवले कर दिया था।वोह भि मुजे चुम रहि थि और सहला रहि थि।मैने उस्सी कहा "शीतल तुम ने मुजे अज्ज तक का सब से बदा सुख दिया है,इ लोवे यौ शीतल" वोह अपने हथ कि उनगलिया मेरे बलोन मे फिरते ते हुए बोलि"अभि मैं तुमहे हमशे से पसनद करति हून और पयर करति हुन,तुम जब चहो मुझे मनग लेना मैं दे दुनगि "उस रत हुम ऐसे हि एक दुसरे कि बहून एक दुसरे को पयर करते हुए पदे रहे

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